Monday, November 14, 2011

मेरे घर की इस दीवाली में, है योगदान हर दीपक का


अरे सभी के सतत प्रयत्न से सजती   हैं  दीपावलियाँ 
इक एक कली ज्यों खिलखिलकर,महकाती है बगियाँ 
मेरे घर की इस दीवाली में, है योगदान हर दीपक का 
इन शुभ्र उजाली रातों में वलिदन छिपा हर दीपक का 

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