Wednesday, November 23, 2011

Parmatm Prakash Bharill: हम तो तडपा किये बात ऐसे बने , बात टलती रही और कल ...

Parmatm Prakash Bharill: हम तो तडपा किये बात ऐसे बने , बात टलती रही और कल ...: क़दमों में सागर उफनता रहा , हम तड़पते रहे बूँद जल के लिए , साथ बरसों जिए हम तन्हा जिए , मिल ना सके एक पल के लिए , हम तो तडपा किये बात ऐसे...

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