Saturday, February 11, 2012

Parmatm Prakash Bharill: अब और क्या बतलाऊं , हम क्यों खोये खोये से रहते हें...

Parmatm Prakash Bharill: अब और क्या बतलाऊं , हम क्यों खोये खोये से रहते हें...: हमारी तरफ इटें उछालते हुए वे कहते हें " जबाब दो " अरे भाई ! इंट का जबाब तो बस पत्थर ही होता है और ये मत समझ लेना क़ि दुनिया में पत्थर...

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