Tuesday, June 26, 2012

------अरे ! यूं भी तेरे जैसे अभागे को सिखाने का भाव भी किसे आता है ? सभी बस इसी चक्कर में रहते हें क़ि किसी भी तरह नेताजी को बहला फुसलाकर अपना काम निकाल लें ---- ----- तुझे आइना कौन दिखलाएगा . आखिर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ?------------- ------------क्या अब तेरा यह दुर्लभ मानव जीवन व्यर्थ ही नहीं चला जाएगा ?----

तू समाज का नेता बन गया ? " करेला नीम चढ़ गया "
अब क्या होगा ? अब तू कब सीखेगा , कब सुधरेगा ?
अब तू सीखेगा कैसे ?
तूने तो समाज को सिखाने का ठेका ले लिया है .-----
------अरे ! यूं भी तेरे जैसे अभागे को सिखाने का भाव भी किसे आता है ?
सभी बस इसी चक्कर में रहते हें क़ि किसी भी तरह नेताजी को बहला फुसलाकर अपना काम निकाल लें ----
----- तुझे आइना कौन दिखलाएगा .
आखिर बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे ?-------------
------------क्या अब तेरा यह दुर्लभ मानव जीवन व्यर्थ ही नहीं चला जाएगा ?----
-------यदि तुझे परमात्मा बनना है तो यह संसार की नेतागिरी छोड़ और मोक्ष के मार्ग पर लाग जा .
तेरा कल्याण होगा .


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