Friday, July 6, 2012

होने को तो जिन्दगी में बहुत कुछ है , मैं क्या क्या लिख दूं , सब कुछ लिखने का मन भी नहीं होता , मैं क्या क्या लिख दूं

होने को तो जिन्दगी में बहुत कुछ है 
मैं क्या क्या लिख दूं 
सब कुछ लिखने का मन भी नहीं होता 
मैं क्या क्या लिख दूं 

pls click on link bellow ( blue letters ) to read full poem - 
http://www.facebook.com/pages/Parmatmprakash-Bharill/273760269317272

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