Wednesday, August 8, 2012

सच्चाई तो यह है आज भले ही हमारे आस-पास के परिजन हमसे गहरा सारोकार रखते हों और हमें बहुत चाहते हों पर हमारी मृत्यु के बाद हम किसी भी रूप में क्यों न हों , वे हमारे साथ किसी भी तरह का नाता नहीं जोड़ना चाहेंगे

सच्चाई तो यह है आज भले ही हमारे आस-पास के परिजन हमसे गहरा सारोकार रखते हों और हमें बहुत चाहते हों पर हमारी मृत्यु के बाद हम किसी भी रूप में क्यों न हों , वे हमारे साथ किसी भी तरह का नाता नहीं जोड़ना चाहेंगे


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