Monday, September 3, 2012

यदि सरकार ने देश हित में सोने की खान किसी ने नाम मुफ्त में लिख दी हो तो उसे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए क़ि उसकी भावना की पूर्ती हो रही है .

यदि सरकार ने देश हित में सोने की खान किसी ने नाम मुफ्त में लिख दी हो तो उसे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए क़ि उसकी भावना की पूर्ती हो रही है .
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए क़ि कितने दिनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा और किस दाम पर उत्पाद बेचा जाएगा .
कोई सिर्फ अपने मन में यह मानकर क़ि मैं यह सब मुफ्त में या उचित मूल्य पर गरीबों को बांट दूगा , देश का अनाज भण्डार मुझे दे दे और मुझे उक्त शर्तों में बांधे नहीं तो यह तो गलत है , यह तो सरकार का अपराध है क़ि उसने मुझे देश को लूटने की खुली छूट दे दी है .
मैं कहाँ बाध्य हूँ ऐसा करने के लिए ?

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