Friday, October 5, 2012

Parmatm Prakash Bharill: अब भी तू वह कर सकता है जो सब कुछ है , सम्पूर्ण है ...

Parmatm Prakash Bharill: अब भी तू वह कर सकता है जो सब कुछ है , सम्पूर्ण है ...: निश्चित मानिए ! यदि जीवित बने रहने या ढंग से जीवन जीने के साधन जुटाने मात्र में जिन्दगी बीत गई तो यह जीवन मिला या न मिला बराबर ही रहा , ज...

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