बचनों में वो ताकत कहाँ , सबसे मुखर यह मौन है
बैनों ने न जिल्लत जगाई , ऐसा तो वक्ता कौन है
वचनों के ये जो तीर हें , इनकी नहीं निश्चित दिशा
कब किसको चुभेगा,कौन जाने,सबसे भला ये मौन है
बैनों ने न जिल्लत जगाई , ऐसा तो वक्ता कौन है
वचनों के ये जो तीर हें , इनकी नहीं निश्चित दिशा
कब किसको चुभेगा,कौन जाने,सबसे भला ये मौन है
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