Sunday, December 23, 2012

Parmatm Prakash Bharill: कहीं आप अन्जाने ही सम्पूर्ण मानवता के प्रति अपराध ...

Parmatm Prakash Bharill: कहीं आप अन्जाने ही सम्पूर्ण मानवता के प्रति अपराध ...: कहीं आप अन्जाने ही सम्पूर्ण मानवता के प्रति अपराध तो नहीं कर रहे हें ? एक सच्चे और अच्छे व्यक्ति को छल कर , धोखा देकर , एक ऐसे व्यक्ति...

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