कहीं आप अन्जाने ही सम्पूर्ण मानवता के प्रति अपराध तो नहीं कर रहे हें ?
इस उदाहरण को देखकर हर व्यक्ति यही प्रेरणा लेगा कि कभी किसी पर भरोसा मत करो , किसी की मदद मत करो .
इस तरह अविश्वास और स्वार्थपरता की एक परम्परा स्थापित हो जायेगी , सदा के लिए ; और परोपकार और विशवास की परम्परा का नाश हो जाएगा .
अब आप समझे न की यह कितना खतरनाक अपराध है ?
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