Saturday, August 10, 2013

मंजिल कभी पा जायेंगे , क्या इन्हें ऐसा नहीं लगता

मंजिल कभी पा जायेंगे , क्या इन्हें ऐसा नहीं लगता
(कविता )
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

इन्हें बस दौड़ते जाना है ,ठहरना अच्छा नहीं लगता 
मंजिल कभी पा जायेंगे , क्या इन्हें ऐसा नहीं लगता 

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