Friday, September 6, 2013

तो क्यों नहीं चाहत से,खुदका पीछा छुड़ाते हें लोग

तो क्यों नहीं चाहत से,खुदका पीछा छुड़ाते हें लोग 
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

चाहत कभी रुकती नहीं , चाहत कभी मिटती नहीं 
तो क्यों नहीं चाहत से,खुदका पीछा छुड़ाते हें लोग 

No comments:

Post a Comment