- परमात्म नीति (8)
-साध्य की सिद्दी मात्र प्रयत्न साध्य नहीं है, वह अन्य समवायों पर भी निर्भर करती है.
- नीतिवंत लोग यद्यपि अपने लक्ष्य की पूर्ती हेतु कोई भी संभव प्रयत्न शेष नहीं छोड़ते हें तथापि सफलता न मिलने पर खेद्खिन्न नहीं होते हें, अपना धैर्य नहीं खोते हें क्योंकि साध्य की सिद्दी मात्र प्रयत्न साध्य नहीं है, वह अन्य समवायों (fectors) पर भी निर्भर करती है.
उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.
घोषणा
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.
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