Tuesday, October 20, 2015

परमात्म नीति - (68) - महानलोग प्रगतिशील होते हें -

कल आपने पढ़ा -

"महानलोगों की द्रष्टि मात्र अपने लक्ष्य पर होती है"
अब आगे पढ़िए 
परमात्म नीति - (68)

by- परमात्म प्रकाश भारिल्ल


महानलोग प्रगतिशील होते हें  -

इसी आलेख से -

यदि वे समय के साथ न बदलें तो उनकी महानता तो कम नहीं होगी पर वे इतिहास के महान हो जायेंगे, वर्तमान के नहीं रहेंगे.






महानलोग प्रगतिशील होते हें. वे समय के साथ होने वाले विकास को खुले दिल से स्वीकार करते हें, उसके प्रति प्रतिरोध का भाव नहीं रखते हें. 
यदि वे विकास को स्वीकार नहीं करेंगे तो समय से पीछे छूट जायेंगे, तब वे प्रासंगिक नहीं रहेंगे.
वे तार्किक होते हें और विकास के वे पहलू जो कि तर्क की कसौटी पर खरे उतरते हें उन्हें सहज ही स्वीकृत होते हें, आखिर उनमें हिचक कैसी?
समय के साथ सबकुछ बदलता है, तकनीक, जीवनशैली, शिक्षा, आवश्यक्ताएं आदि. 
महान लोग समय के साथ कदम मिलाकर चलते हें, अमूमन वे समय से आगे बने रहने का प्रयास करते हें. 
यदि वे समय के साथ न बदलें तो उनकी महानता तो कम नहीं होगी पर वे इतिहास के महान हो जायेंगे, वर्तमान के नहीं रहेंगे.



आगे पढ़िए -


"
महानलोग उदार तो होते हें पर अपव्ययी नहीं"

कल 


 

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उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.

घोषणा 


यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.

यह क्रम जारी रहेगा. 

 



- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

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