आत्मशान्ति और आत्मकल्याण का उपाय मात्र आत्मनिरीक्षण है अन्य कुछ नहीं.
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
सल्लेखनाधारी के लिए तो प्रदर्शन और प्रचार के मायने ही क्या हें?
तू जिस नाम का ढिंढोरा पीटता है, जिस देह का फोटो छपाता है, वह (सल्लेखनारत व्यक्ति) तो उस नाम और देह को छोड़कर ही जारहा है, यह सारा प्रदर्शन उसके लिए तो हो नहीं सकता है, इस अवसर पर उसे तो इस सबकी आवश्यक्ता है नहीं.
कहीं यह सब हम परिजनों की प्रसिद्धी के लिए तो नहीं ?
कभी-कभी हम स्वयं ही अपने स्वयं के छुपे हुए अभिप्राय (hidden intentions) को ही नहीं पहिचान पाते हें.
आत्मशान्ति और आत्मकल्याण का उपाय मात्र आत्मनिरीक्षण है अन्य कुछ नहीं.
प्रदशन भी एक माध्यम है प्रभावना का..सल्लेखना से जन जन का परिचय कराने के लिए....
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