Thursday, September 29, 2011

ना तो इनका मैं हुआ , ना ही ये मेरे हुए


जिन्दगी के ये बर्ष बस यूं ही बीत गए , निस्सार -

कोई कहता पा लिए , कोई कहता खो दिए 
मैं तो ऐसा मानता कि,मैंने पाकर खो दिए 
चुपके से आये,चले गए,जिदगी के ये बरस 
ना  तो  इनका  मैं  हुआ , ना ही ये मेरे हुए 

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