Tuesday, September 20, 2011

Parmatm Prakash Bharill: कुछ ना रहा मैं अब तुम्हारा , वही सब कुछ हो गया

Parmatm Prakash Bharill: कुछ ना रहा मैं अब तुम्हारा , वही सब कुछ हो गया: मैं आज तक था बहुत सुन्दर कब,कुरूप कैसे हो गया कुछ ही पलों में अब अचानक कहाँ रूप मेरा खो गया ? कौन निष्ठुर सख्स था बो कांटे ह्रदय में बो गय...

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