Tuesday, October 25, 2011

उसी तरह दीपावलि पल की , जीवन आलोकित कर जाती


खिलकर जैसे कुछ ही पल को , झटपट झड जातीं कलियाँ 
ऐसे ही जीवन में बस,कुछ ही पल को आतीं हें दीपावलियाँ 
व्यर्थ नहीं वलिदान कली का ,बो मधुरिम सा फल दे जाती 
उसी  तरह दीपावलि पल की , जीवन आलोकित कर जाती 
दीपमालिका का यह पर्व आपके जीवन को सदा आलोकित करता रहे यह़ी शुभकामनाएं संजोये -
-परमात्मप्रकाश भारिल्ल 

No comments:

Post a Comment