Thursday, October 13, 2011

Parmatm Prakash Bharill: बस इसलिए समकिती जीव , संसार में ना बंधे

Parmatm Prakash Bharill: बस इसलिए समकिती जीव , संसार में ना बंधे:
हें चार कर्म अघातिया , बंध उनसे है नहीं
ज्ञानावरण,मोहनी,अन्तराय भी,बंध के कारण नहीं
चारित्र मोह से बंध ना , है बंध दर्शन...

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