हमारा व्यवहार वाणी से कहीं बहुत अधिक सशक्त माध्यम है अपने मनोभावों के सम्प्रेषण का .
लोग हमारी बातों को भी सुनते हें और व्यवहार को भी देखते हें और दोनों के बीच अंतर को बड़ी आसानी से पढ़ लेते हें .
pls click on link bellow ( blue letters ) to read full poem -
http://www.facebook.com/pages/Parmatmprakash-Bharill/273760269317272
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