Wednesday, July 25, 2012

Parmatm Prakash Bharill: ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) से भरा एक और दिन बीत गया ....

Parmatm Prakash Bharill: ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) से भरा एक और दिन बीत गया ....: (एक कहानी जो अभी अधूरी ही लिखी गई है उसीका एक अंश ) मेरी डेली डायरी का एक पन्ना  (कहानी ) १४ जून २०१२ रात्रि ११.४१ ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) ...

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