Tuesday, July 17, 2012

अब तक तो तूने बहुत ही मनमानी की है , स्वयं अपने साथ छल किया है , पर अब तो चलने का समय आ गया है ,क्या अब भी यह़ी करेगा ? अरे ! अब तो सुधर जा ! अब तो ज़रा विचार कर क़ि चलने का समय तो आ ही गया है , पर क्या तू सचमुच ही चल पड़ने को तैयार है ? क्या तैयारी की है तूने ?----------------------------------------------अब भी यदि तू अपने को पहिचान ले , अपने आत्मा को , अपने आप को स्वीकार करले तो तू इस भव भ्रमण से छूट सकता है .

अब तक तो तूने बहुत ही मनमानी की है , स्वयं अपने साथ छल किया है , पर अब तो चलने का समय आ गया है ,क्या अब भी यह़ी करेगा ?
अरे ! अब तो सुधर जा !
अब तो ज़रा विचार कर क़ि चलने का समय तो आ ही गया है , पर क्या तू सचमुच ही चल पड़ने को तैयार है ?
क्या तैयारी की है तूने ?----------------------------------------------अब भी यदि तू अपने को पहिचान ले , अपने आत्मा को , अपने आप को स्वीकार करले तो तू इस भव भ्रमण से छूट सकता है .


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