Sunday, July 15, 2012

इस तरह सारा जीवन बिताने (लुटाने ) के बाद अब शायद तुझे शिकायत हो क़ि किसी को तेरी पडी नहीं है , किसी को तेरी जरूरत नहीं है , कोई तुझे पूंछता नहीं है , तू अकेला पड़ गया है आदि ---- तो समझ लेना क़ि अब तेरा भाग्योदय हुआ है . तेरे जीवन में इससे अच्छा समय कभी आया ही नहीं था . अब तेरा समय तेरा अपना है , अपने स्वयं के लिए है . अब तुझे वह करना है जो जीवन भर नहीं किया है , नहीं कर पाया है . यह तेरे जीवन का सर्वोत्तम समय है

इस तरह सारा जीवन बिताने (लुटाने ) के बाद अब शायद तुझे शिकायत हो क़ि किसी को तेरी पडी नहीं है , किसी को तेरी जरूरत नहीं है , कोई तुझे पूंछता नहीं है , तू अकेला पड़ गया है आदि ----
तो समझ लेना क़ि अब तेरा भाग्योदय हुआ है . तेरे जीवन में इससे अच्छा समय कभी आया ही नहीं था .
अब तेरा समय तेरा अपना है , अपने स्वयं के लिए है .
अब तुझे वह करना है जो जीवन भर नहीं किया है , नहीं कर पाया है .
यह तेरे जीवन का सर्वोत्तम समय है
इस समय में तू वह कर सकता है जिससे यह जीवन सार्थक हो सकता है .
इस समय को व्यर्थ जानकर यूं ही न गँवा देना .
इस समय में तू अपने आप को पहिचान
अपने स्वरूप को समझ
अपने सभी दुराग्रहों का त्याग कर
इमानदारी पूर्वक सत्य की खोज कर , सत्य को स्वीकार कर .
अब तेरा यह समय और यह जीवन किसी की परम्परा चलाने के लिए नहीं , तेरी अपनी भव भ्रमण की परम्परा तोड़ने के लिए है .
जगत के प्रति राग और द्वेष का त्याग कर सहज और निरपेक्ष हो जा .
सिर्फ अपने प्रयोजन (आत्म कल्याण ) को पहिचान .
अपने प्रयोजन की सिद्धी में ही लाग जा .
हाँ यह हो सकता है
यह करने के लिए कहीं जाना नहीं है
कुछ पाना नहीं है
तू स्वयं भगवान आत्मा है
उसे ही जानना है , पहिचानना है
उसी में जम जाना है , रम जाना है
यदि तू ऐसा कर सका तो तेरा कल्याण होगा .

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