Saturday, July 7, 2012

ये उनकी बेरुखी है , या है मेरा अपना ही रूखापन न किसी की रूचि मुझमें है , न ही मुझे भी कुछ रुचता

इस  भरी  पूरी दुनिया में , मुझे कुछ भी तो नहीं दिखता 
सच कहता हूँ यारों,मुझे यहाँ कुछ भी अच्छा नहीं लगता 
ये  उनकी  बेरुखी  है , या  है  मेरा  अपना  ही  रूखापन 
न किसी की रूचि मुझमें है , न  ही मुझे भी कुछ रुचता 

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