Tuesday, July 24, 2012

Parmatm Prakash Bharill: ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) से भरा एक और दिन बीत गया ....

Parmatm Prakash Bharill: ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) से भरा एक और दिन बीत गया ....: ओह ! झंझावातों (तूफ़ान) से भरा एक और दिन बीत गया . एक लंबा सा दिन , बहुत लंबा . लंबा इसलिए क़ि यह दिन सिर्फ दिन ही नहीं वरन कल की पूरी रात...

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