संसद में गतिरोध चल रहा है , अच्छा है !
लगता तो बहुत बुरा है पर यह़ी सही है .
ये लोग तो बने ही झगड़ने के लिए हें .
जब तक ये लोग एक दूसरे के विरोधी हें तब तक देश सुरक्षित है , एक गल्ती करेगा तो दूसरा उसे चेतायेगा , एक बेईमानी करेगा तो दूसरा उसे पकड़ेगा .
अगर ये एक हो गए तो तो समझ लो देश डूब गया .
क्रिकेट या फ़ुटबाल की दो टीमें बनी ही एक दूसरे का विरोध करने के लिए हें , यदि वे एक दूसरे की सहयोगी बन जाएँ तो खेल की ह्त्या हो जायेगी .
फिर तो मेच फिक्सिग हो जायेगी .
जब तक बे एक दूसरे के विरुद्ध खेलीती रहेंगीं तब तक खेल जीवित रहेगा .
हमें इन्हें एक नहीं करना है , हमें यह देखना है क़ि ये कभी भी , किसी भी तरह एक न हो जाएँ .
जब तक ये एक दूसरे के विरुद्ध हें तब तक आपस में लड़ेंगे और हम सुरक्षित रहेंगे ; जिस दिन ये एक हो जायेंगे ये मिलकर हमारे विरुद्ध लड़ेंगे और हम खतरे में पद जायेंगे
No comments:
Post a Comment