Friday, September 7, 2012

यदि आपको इस जीवन के बाद आत्मा के अस्तित्व में भरोसा नहीं है तो हमें भी तुहें समझाने में कोई रूचि नहीं है . चार दिन की जिन्दगी के लिए क्या समझना और क्या समझाना ?

यदि आपको इस जीवन के बाद आत्मा के अस्तित्व में भरोसा नहीं है तो हमें भी तुहें समझाने में कोई रूचि नहीं है .
चार दिन की जिन्दगी के लिए क्या समझना और क्या समझाना ? 
जिसके पास जो जैसी समझ है उसीसे निभ जायेगी .
और ये दुनिया भी जैसी है बहुत अच्छी है उनके लिए तो , यहाँ सब कुछ तो है .
नदी , नाले , पहाड़ , समुद्र , रेगिस्तान , बसंत , पतझार , ठण्ड , गर्मी , बरसात ------------------------------------
यूं भी बीत जायेगी देखते ही देखते .
क्या कोई उस सराय या धर्मशाला या होटल के उद्धार के बारे में सोचने को बैठ जाता है जिसमें जाकर/आकर ठहरा है ? (sirf kuch hi din ke liye )
क्या फर्क पड़ता है , जीवन बर्बाद होना है सो हो ही जाएगा , इस तरह या उस तरह .
हमारी क्या जरूरत है ?
हमारी मदद के बिना न तो कोई भूँखा मरने बाला है और न ही नंगा रहने बाला है , यदि रहना भी चाहे तो लोग रहने नहीं देंगे .
बहुत लोग हें जिन्हें दान - पुन्य करना है , और फिर सरकार भी तो है .
हमें तो उनसे मतलब है जिसे अनन्त काल के लिए आत्मा का कल्याण करना है , हमारे पास उनका स्वागत है ?

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