Monday, December 17, 2012

Parmatm Prakash Bharill: किसी को ( सामान्य मानव को ) भगवान् बना देने में मु...

Parmatm Prakash Bharill: किसी को ( सामान्य मानव को ) भगवान् बना देने में मु...: जगत के स्थापित व्यवहार , जगत के पैमाने आधे-अधूरे हें . वे हमारे जीवन के पैमाने बनने के योग्य नहीं हें ; क्यों ? क्योंकि यह वे पैमाने हें ...

No comments:

Post a Comment