Thursday, March 7, 2013

Parmatm Prakash Bharill: क्यों सच्चा सच्चा नहीं लगता , अच्छा अच्छा नहीं लगत...

Parmatm Prakash Bharill: क्यों सच्चा सच्चा नहीं लगता , अच्छा अच्छा नहीं लगत...: तुम्हें कुछ अच्छा नहीं लगता , हमें यह अच्छा नहीं लगता शिकवे अनेक तुमको हें,पर कोई शिकवा सच्चा नहीं लगता कुछ तो दूरियां हें तुम्हारी चाह...

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