Friday, August 23, 2013

बदल जाते हें बात,बात अपनी आने पै लोग

यूं लगाते रहते हें तोहमत , जमाने पै लोग 
(कविता )
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

बदल जाते हें बात,बात अपनी आने पै लोग 
यूं लगाते रहते हें तोहमत , जमाने पै लोग 

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