आतम का पर द्रव्य में , कभी न कोई काम
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
आतम करता कर्म का ,नोकर्म हें इसके कर्म
मिथ्या है यह मान्यता , है अज्ञान अधर्म
पुद्गल हें ये कर्म सब , ज्ञाता आतम राम
आतम का पर द्रव्य में , कभी न कोई काम
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
आतम करता कर्म का ,नोकर्म हें इसके कर्म
मिथ्या है यह मान्यता , है अज्ञान अधर्म
पुद्गल हें ये कर्म सब , ज्ञाता आतम राम
आतम का पर द्रव्य में , कभी न कोई काम
No comments:
Post a Comment