Monday, September 9, 2013

Parmatm Prakash Bharill: बस इसी अज्ञानवश , संसार में यह भ्रमा

Parmatm Prakash Bharill: बस इसी अज्ञानवश , संसार में यह भ्रमा: अनादि  से यह आत्मा , कर्म का कर्ता बना  बस इसी अज्ञानवश , संसार में यह भ्रमा  निषेधती इस वृत्ति को,सत्यार्थ को प्रकाशती  देशना सर्वज्...

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