अब मैं बस यह विचार करता हूँ कि मैं क्या करूँ
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
यदि मैं कुछ करता नहीं हूँ तो मुझे अफ़सोस होता है कि आखिर मैं कुछ करता क्यों नहीं हूँ।
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
यदि मैं कुछ करता नहीं हूँ तो मुझे अफ़सोस होता है कि आखिर मैं कुछ करता क्यों नहीं हूँ।
यदि मैं कुछ करता हूँ तो मुझे मुझे अफ़सोस होता है कि हाय ! मैंने यह क्या किया।
तब मैं यह संकल्प लेता हूँ कि अब ऐसा कभी नहीं करूंगा।
तब मुझे लगने लगता है कि आखिर मैं क्या करूँ ?
कुछ करूँ या न करूँ।
करूँ तो मुश्किल , न करूँ तो महामुश्किल।
अब मैं बस यह विचार करता हूँ कि मैं क्या करूँ
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