धर्म तो सार्वभौमिक ( global )और सर्वकालिक ( permanent ) होता है , सबके लिए होता है , और सभी के कल्याण के लिए होता है ।
जो लोग कथित तौर पर चमत्कार दिखलाते हें ,
- वे चमत्कार तो symbolic ( प्रतीकात्मक ) होते हें .
- वे decorative ( सजाबटी ) होते हें
- वे temporary ( तात्कालिक ) होते हें
- वे local (स्थानीय ) होते हें
- वे किसी के कोई काम नहीं आते , किसी का कल्याण नहीं करते हें।
तब बे धर्म कैसे हो सकते हें ?
क्या धर्म सभी के लिए नहीं है ?
क्या धर्म हर स्थान के लिए नहीं है ?
क्या धर्म हर समय के लिए नहीं है ?
क्या धर्म की क्रिया और फल पर्याप्त मात्रा में , व्यापक और प्रभावशाली नहीं होता है ?
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