Saturday, August 30, 2014

Parmatm Prakash Bharill: अरे ! किसके भरोसे तू दुनिया को ललकारने निकल पडा है...

Parmatm Prakash Bharill: अरे ! किसके भरोसे तू दुनिया को ललकारने निकल पडा है...: अरे ! किसके भरोसे तू दुनिया को ललकारने निकल पडा है तू ? हो सकता है कलको तेरा आयु कर्म ही तेरा साथ न दे , तू ही न रहे इस देह में . यदि ...

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