Thursday, September 25, 2014

Parmatm Prakash Bharill: यदि तुझे पाप त्यागना है तो अभिप्राय की वासना का त्...

Parmatm Prakash Bharill: यदि तुझे पाप त्यागना है तो अभिप्राय की वासना का त्...: हमारे अभिप्राय में पड़ा धन का प्रेम ही मूल पाप है , इसके फलस्वरूप होने वाली धन्धे व्यापार की गतिविधियाँ और तत्सम्बन्धी चिन्तन तो उक्त अभिप...

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