- परमात्म नीति (10)
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
- संकट के समय तो सिर्फ समर्थन की आवश्यकता होती है
- संकट के समय तो सिर्फ समर्थन की आवश्यकता होती है, बिना शर्त.
यह समय गिलों-शिकवों का नहीं होता.
संकट के समय विस्तृत विचार के लिए अवकाश ही कहाँ होता है?
समर्थन से यदि संकट दूर हो जाए तब उचित-अनुचित, न्याय-अन्याय, नैतिक-अनैतिक, राजसम्मत या राजविरुद्ध आदि बातों का विचार करना परम कर्तव्य है.
उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.
घोषणा
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.
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