Friday, July 10, 2015

Parmatm Prakash Bharill: “मैं” किसी के सापेक्ष कोई आधी अधूरी वस्तु नहीं वरन...

Parmatm Prakash Bharill: “मैं” किसी के सापेक्ष कोई आधी अधूरी वस्तु नहीं वरन...: धर्म क्या ,   क्यों ,   कैसे और किसके लिए  ( बारह्बीं  क़िस्त ,  गतांक से आगे)  -परमात्म प्रकाश भारिल्ल पिछले अंक में हमने पढ़ा कि “  ...

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