Sunday, August 2, 2015

परमात्म नीति - (12) - सामान्य दशा में उनकी आवश्यक्ता नहीं पड़ती विपरीत स्थिति में वे काम नहीं आते

परमात्म नीति - (12)





- सामान्य दशा में उनकी आवश्यक्ता नहीं पड़ती  विपरीत स्थिति में वे काम नहीं आते 




-  जगत में सम्बन्ध और सम्बन्धियों के पास उपलब्ध साधन मात्र मानसिक संबल प्रदान करने के लिए ही उपयुक्त हें, वे कभी काम नहीं आते हें.
सामान्य समय में (हालांकि वे तत्पर रहते हें) हमें ही उनकी आवश्यक्ता नहीं पड़ती है और विपरीतता में वे हमें उपलब्ध नहीं हो पाते हें (तब वे उचित–अनुचित, उपयुक्त-अनुपयुक्त का विचार करने लगते हें).



उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.


घोषणा 


यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा. 

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