Wednesday, October 12, 2011

Parmatm Prakash Bharill: ना आश्रव ना बंध होता , सम्यक्त्व द्रष्टि जीव को

Parmatm Prakash Bharill: ना आश्रव ना बंध होता , सम्यक्त्व द्रष्टि जीव को:
ना आश्रव ना बंध होता , सम्यक्त्व द्रष्टि जीव को
चाहे रहे निज आत्म में या , भोग में वो लिप्त हो
बंधन का कारण जीव को , अन्य ना , मिथ्यात्व...

No comments:

Post a Comment