Sunday, July 22, 2012

Parmatm Prakash Bharill: अपने जीवन में हम वैसे ही ज्ञाता - द्रष्टा (जानने औ...

Parmatm Prakash Bharill: अपने जीवन में हम वैसे ही ज्ञाता - द्रष्टा (जानने औ...: हमें जीवन उसी तरह जीना चाहिए जैसे हम सिनेमा देखते हें . --------उसमें जो चरित्र जैसा है बैसा जान लेते हें , जो घट नाएं जैसी घटी हें बैसी ज...

No comments:

Post a Comment