Monday, July 23, 2012

Parmatm Prakash Bharill: कहीं मेरा अविवेक मुझे कुछ करने न देता था और कभी मे...

Parmatm Prakash Bharill: कहीं मेरा अविवेक मुझे कुछ करने न देता था और कभी मे...: स्वरचित एक कहानी का एक अंश - "मैं सो जाना चाहता था पर सो नहीं पा रहा था , तब मैं उठ बैठना चाहता था पर मैं उठ भी तो नहीं पा रहा था . कहीं मे...

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