Wednesday, October 10, 2012

Parmatm Prakash Bharill: उसने मुझे आधा ग्लास दूध दिया था पीने को . आज अचानक...


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------ यानी कि सचमुच हुआ वही होगा जो कहा जा रहा है , घटनाक्रम अक्षरश: वही रहा होगा जो कहा जा रहा है पर मैं पूरी द्रढ़ता के साथ कह सकता हूँ कि ये बातें यथार्थ का बयान नहीं करती हें , ये सत्य पर प्रकाश नहीं डालती हें , ये सत्य को स्पर्श तक नहीं करती हें .  
क्यों ?
क्योंकि यह बातें सही परिपेक्ष्य में नहीं कही जा रही हें , सही सन्दर्भ में नहीं कही जा रही हें .

Parmatm Prakash Bharill: उसने मुझे आधा ग्लास दूध दिया था पीने को . आज अचानक...: उसने मुझे आधा ग्लास दूध दिया था पीने को . आज अचानक ही मुझे यह बात याद आ गई . मेरा मन वितृष्णा से भर उठा है . आधा ग्लास ? सिर्फ आधा  ?...

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