Sunday, March 17, 2013

Parmatm Prakash Bharill: आध्यात्म की चर्चा दुर्लभ है , इसके रसिक थोड़े हें औ...

Parmatm Prakash Bharill: आध्यात्म की चर्चा दुर्लभ है , इसके रसिक थोड़े हें औ...: तात्कालिक इन्द्रियों के बिषय भोग और तद्जनित छद्म सुखाभास निरंतर हमें लुभाते रहते हें , बांधे रहते हें और त्रैकालिक आत्मिक सुख के बारे में ...

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