Saturday, March 9, 2013

Parmatm Prakash Bharill: शासन , समाज और परिवार सब हमारे अपने हें , हमारे लि...

Parmatm Prakash Bharill: शासन , समाज और परिवार सब हमारे अपने हें , हमारे लि...: अपने अपनों से , परिजनों से व्यवहार के तौरतरीके और पैमाने भिन्न होते हें , वे समाज या क़ानून द्वारा स्थापित पैमानों से नहीं व्यक्तिगत भावनाओ...

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