Thursday, April 11, 2013

वाणी से पहिले चिंतन , सबकी आवश्यकता है

सुनना तो मेरी नियति है , तुम जो भी बोलोगे
कल कोई तुमको बोलेगा ,तो क्या तुम सह लोगे
यही विचार बस वाणी पर , संयम ला सकता है
वाणी से पहिले चिंतन , सबकी आवश्यकता है

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