Monday, May 6, 2013

सरल स्वभावी व्यक्ति की अनेक बातों का एक अर्थ होता है और वक्र व्यक्ति की एक बात के अनेकों अर्थ .

यदि कहने वाले का मन साफ़ न हो और सुनने वाले के मन में भी सरलता न हो ( वक्रता हो ) तो वाणी से अपने विचारों का सही सम्प्रेषण नहीं किया जा सकता है .


जगत में बिषय अनंत हें और हमारी ( और भाषा की भी ) सामर्थ्य अत्यंत सीमित है , यदि कहने वाले का मन साफ़ न हो और सुनने वाले के मन में भी सरलता न हो ( वक्रता हो ) तो वाणी से अपने विचारों का सही सम्प्रेषण नहीं किया जा सकता है .
कहा कुछ जाएगा , समझा कुछ और ही जाएगा फिर जताया कुछ और जाएगा और बताया कुछ और जाएगा .
सरल स्वभावी व्यक्ति की अनेक बातों का एक अर्थ होता है और वक्र व्यक्ति की एक बात के अनेकों अर्थ .
यह कमाल शब्दों का नहीं कहने और सुनने वाले के व्यक्तित्व ( वृत्ति ) का है

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