Tuesday, September 17, 2013

पुन्य हो या पाप हो , आश्रव सभी अपवित्र हें

पुन्य  हो  या  पाप  हो  , आश्रव  सभी  अपवित्र  हें 
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

पुन्य  हो  या  पाप  हो  , आश्रव  सभी  अपवित्र  हें 
दोनों अकिंचन बंध कारक , आतम अबंध पवित्र है 
शुभ  अशुभ  में  भेद  करना  ,  मूढ़ता  अज्ञान  है 
भेद आश्रव आत्म का , सम्यक्त्व भेद विज्ञान है 

1 comment:

  1. You are not only Diamond merchant but you yourself is DIAMOND.

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