Friday, September 20, 2013

ज्ञान दर्शन मय अरे मैं , प्रत्यक्ष ज्योति स्वरूप हूँ

ज्ञान  दर्शन  मय  अरे  मैं  , प्रत्यक्ष  ज्योति  स्वरूप हूँ 
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

परद्रव्य से पर, चिन्मात्रज्योति,परजीव से भी भिन्न हूँ 
ज्ञान -दर्शनमय   अरे  मैं  , प्रत्यक्ष   ज्योतिस्वरूप  हूँ 
अखंड  और  अनंत  मैं  हूँ , अनुभूति  का  मैं बिषय हूँ 
केवलज्ञान से  प्रत्यक्ष यह मैं, आत्मानुभूति प्रत्यक्ष हूँ 

1 comment:

  1. Jain Darshan ke achhe jankar hain. Kya jeevan me bhi utar rahe hain ? Yadi haan, to meri vandana svikar keejiye. Yadi nahi to Jeevan me utariye, Moksha ki uplabdhi pakki hoti javegi. Sadhuvad.

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